
देहरादून: उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत अपनी विदेश दौरों को लेकर चर्चाओं में हैं. चर्चा इस बात की हो रही है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता का जिम्मा संभाल रहे धन सिंह रावत हर विभाग के लिए विदेश यात्रा कर रहे हैं. उनकी यह यात्रा लगातार जारी है. अब उनके इस विदेश यात्रा को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और धन सिंह रावत के प्रतिद्वंदी रहे गणेश गोदियाल ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि धन सिंह रावत एक के बाद विदेश दौरे कर रहे हैं, कहीं उनको विदेश में रहने का शौक तो नहीं लग गया है? साथ ही कहा कि जनता के पैसों से इस तरह की यात्रा राज्य को क्या दे रही है? ये भी जांच का विषय है.
गणेश गोदियाल ने क्यों कही ये बात? कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने विदेशी दौरे को लेकर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत पर यूं ही निशाना नहीं साधा है. क्योंकि, कई मर्तबा धन सिंह रावत विदेश जा चुके हैं. अगर उनके दौरों पर नजर दौड़ाएं तो मालूम होता है कि उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट में वो एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जो बीते कुछ सालों में सबसे ज्यादा विदेश यात्रा कर चुके हैं. कभी सिंगापुर तो कभी नीदरलैंड, लंदन से लेकर दुबई और लक्षद्वीप से लेकर न्यूयॉर्क तक धन सिंह रावत अपने अधिकारियों के साथ सरकारी विजिट पर जाते रहे हैं.
पहले अधिकारियों ने 9 महीने तक नहीं दी थी दौरे पर रिपोर्ट: साल 2023 की शुरुआत यानी फरवरी महीने में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के विभाग यानी स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ताइवान के दौरे पर गई थी. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के इन अधिकारियों और डॉक्टरों ने ताइवान यूनिवर्सिटी में एग्जीक्यूटिव लीडरशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया था.
यह दौरा इसलिए था, ताकि राज्य को इससे कुछ फायदा हो, लेकिन हैरानी उस वक्त तब हुई, जब 9 महीने बाद भी ताइवान होकर आए अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट विभाग को नहीं सौंपी. तब धन सिंह रावत ने सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए ये कहा था कि इस तरह की लापरवाही न बरती जाए.
यूरोप के साथ लंदन का दौरा कर आ चुके धन सिंह: साल 2024 के मार्च महीने में धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ यूरोप का दौरा किया था. यूरोप दौरे के दौरान शिक्षा मंत्री और अधिकारियों की लंबी चौड़ी टीम ने वहां पर एजुकेशन सिस्टम को करीब से जाना. यूरोप यात्रा के दौरान धन सिंह रावत पहले फिनलैंड गए, फिर स्विट्जरलैंड का दौरा किया. उस समय उनके साथ सचिव लेवल से लेकर विभागीय अधिकारियों की टीम मौजूद थी.
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने उस वक्त बताया था कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यह दौरे किए जा रहे हैं. राज्य में अच्छी शिक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए ये देखना बेहद जरूरी है कि विदेश में किस तरह से कार्य हो रहा है. साल 2024 में ही धन सिंह रावत ने देश के कई राज्यों का भी दौरा किया था.
इसके साथ ही मंत्री धन सिंह रावत ने अपने विभागीय अधिकारियों के साथ कई और देशों के दौरे किए. साल 2024 के दिसंबर महीने में ही लंदन ब्रिटिश पार्लियामेंट में बीबीएमजी फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वे हिस्सा लेने पहुंचे थे. यहां पर उन्हें सम्मानित भी किया गया था.
शिक्षा विभाग के साथ सिंगापुर का किया था दौरा: कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने जनवरी 2024 में शिक्षा विभाग के 10 सदस्यीय दल के साथ सिंगापुर का दौरा किया था. उस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान का भ्रमण कर सिंगापुर सरकार के एडुकेशन मॉडल के बारे में जानकारियां ली थी. साथ ही सिंगापुर के अधिकारियों और शिक्षाविदों से मिलकर शिक्षा समेत कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए थे.
नीदरलैंड में कार्यशाला में लिया हिस्सा: हाल ही में फरवरी महीने में धन सिंह रावत नीदरलैंड पहुंचे. जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में हिस्सा लिया. उनकी यह यात्रा सहकारिता विभाग के तहत थी. इस यात्रा के बाद भी धन सिंह रावत ने बताया था कि इस कार्यशाला में उन्हें कई सुझाव मिले हैं, इन सुझावों और मॉडल का अध्ययन कर इसे उत्तराखंड में लागू किया जाएगा. ताकि, महिलाओं और युवाओं को इसका लाभ मिल सके.
हाल ही में लक्षद्वीप से लौटे है शिक्षा मंत्री: अपनी इस विदेश यात्रा की श्रृंखला के दौरान उन्होंने अभी कुछ दिन पहले ही लक्षद्वीप का दौरा किया है. इस दौरे के दौरान धन सिंह रावत ने वहां के स्कूलों का जायजा लिया. अपनी यात्रा कर देहरादून लौटे धन सिंह रावत की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वो लक्षद्वीप के कई स्कूलों में भ्रमण करके लौटे हैं. वहां पर उन्होंने बुनियादी ढांचे का अवलोकन किया. हम भी लक्षद्वीप मॉडल के कुछ पहलुओं को उत्तराखंड की शिक्षा नीति में शामिल करने की सोच सकते हैं.
देश में कम विदेश में ज्यादा दिख रहे हैं मंत्री जी, गोदियाल का तंज: कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के विदेश यात्राओं का जिक्र तब से होने लगा, जब से गणेश गोदियाल ने निशाना साधते हुए बयान दिया. अपने बयान में गणेश गोदियाल ने धन सिंह रावत पर तंज कसते हुए गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
धन सिंह रावत बीते कुछ सालों से अपने राज्य या देश से ज्यादा विदेश में ही रह रहे हैं. हो सकता है कि विदेश में यात्रा करना किसी व्यक्ति का शौक हो सकता है, लेकिन जनता के पैसे से विदेश यात्रा करना ठीक नहीं है. मंत्री जी को लगता है कि यही मौका है और इस मौके को हाथ से न जाने दें. – गणेश गोदियाल, कांग्रेस नेता
वहीं, गणेश गोदियाल अब धन सिंह रावत के विदेश यात्राओं के बहाने सरकार पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पूछा है कि जनता के टैक्स से हो रही इन यात्राओं से क्या मिला?
इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस पूरे कार्यकाल के दौरान धन सिंह रावत कितनी बार विदेश यात्रा पर गए हैं? आखिरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस बात की जानकारी है या नहीं या फिर धन सिंह रावत या अपने मंत्रियों को ये कह दिया है कि वो उनके कामों में हस्तक्षेप न करें. जो भी करना है, वो मंत्री कर सकते हैं. – गणेश गोदियाल, कांग्रेस नेता
इसके अलावा कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने तमाम विभागों में भ्रष्टाचार किए जाने के भी गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही कहा कि जनता के टैक्स के पैसों से विदेश दौरे किए जा रहे हैं.
उनके (धन सिंह रावत) के विभागों में लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है. अगर उनके विभागों की जांच होती है तो पता चलेगा कि कितना बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. हैरानी की बात ये है कि लोगों के टैक्स के पैसे से मंत्री जी विदेश घूम रहे हैं. जबकि, इन विदेशी दौरों का कितना राज्य में इंप्लीमेंट हुआ है, यह देखने वाला कोई नहीं है. – गणेश गोदियाल, कांग्रेस नेता
बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार: उधर, सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग के लिए जो विदेश दौरे हुए हैं, उनमें नाबार्ड के तहत मंत्री और टीम को भेजा गया है, उसका राज्य पर कोई भार नहीं होता है. इतना ही नहीं बीजेपी भी कांग्रेस के इस आरोप पर जवाब दे रही है.
कांग्रेस काल में जो विदेश दौरे हुए हैं, क्या वो भूल गए हैं. राज्य के विकास के लिए मौजूदा सरकार में अगर कुछ एक्सपर्ट और मंत्री जा रहे हैं तो इसमें गुरेज क्या है? फालतू की फिजूलखर्ची बीजेपी सरकार नहीं करती है.कांग्रेस के पास बीजेपी ने कोई मुद्दा नहीं छोड़ा है, इसलिए वो इधर-उधर की बातें कर रही है. – बिपिन कैंतुरा, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता
यात्रा के 6 या 8 महीने बाद प्रगति रिपोर्ट जरूर मिले: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि हाल ही की कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार के ऊपर 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. ऐसे में विदेश दौरे की अगर बहुत ज्यादा जरूरत है तो तभी करने चाहिए. वैसे किसी भी विभाग में अधिकारी या मंत्री अगर विदेश दौरे कर रहे हैं तो 6 महीने 8 महीने या 1 साल बाद ये देखना बेहद जरूरी हो जाता है कि क्या उस विभाग में कोई परिवर्तन हुआ? उस दौरे का कोई सार्थक प्रयास हुआ है या नहीं.
भागीरथ शर्मा कहते हैं अगर हम बात उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था की करें तो हाल ही में लक्षद्वीप होकर आए शिक्षा मंत्री को ये भी देखना होगा कि लक्षद्वीप और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की स्थिति अलग-अलग है. यहां पर पांच बच्चों के बीच एक टीचर है और 50 बच्चों के बीच भी एक टीचर है. शिक्षा व्यवस्था की स्थिति किसी से यहां पर छुपी नहीं है.
कई बार विदेशी दौरे के लिए विभाग इतने आकर्षक अनुमति लिख देता है कि उन्हें ये लगता है कि अगर ऐसा हुआ तो कायाकल्प हो जाएगा. जबकि, दौरे के बाद होता कुछ नहीं है. मार्च महीने में कुछ दौरे तमाम अधिकारी या मंत्री इसलिए भी करते हैं, क्योंकि भ्रमण का जो बजट होता है, उसे भी खर्च करना होता है, लेकिन उम्मीद है उत्तराखंड में अधिकारी और नेता जो भी विदेशी दौरे कर रहे हैं, इन दौरों से राज्य का भला हो.
