
देहरादून:उत्तराखंड बजट सत्र 2025 के दौरान मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की एक टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। मंत्री अग्रवाल ने कथित रूप से एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने शराब को लेकर कुछ विवादास्पद बातें की थीं। इस पर कांग्रेस के विधायक मदन बिष्ट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
मदन बिष्ट ने आरोप लगाया कि मंत्री का यह बयान उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने वाला है। उन्होंने कहा कि मंत्री के इस बयान से उनकी छवि को आघात पहुँचा है और वह इस पर मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। कांग्रेस विधायक ने इसे भाजपा के नेताओं की ओर से की गई अनैतिक टिप्पणी करार दिया और कहा कि इस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस बयान के बाद उत्तराखंड विधानसभा में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है, और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर किस तरह की कार्रवाई और प्रतिक्रिया देखने को मिलती है।उत्तराखंड बजट सत्र 2025 के पहले दिन संसदीय कार्यमंत्री और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के बीच हुई नोकझोंक का मामला अब गरमाने लगा है. इस पर मदन बिष्ट का बयान सामने आया है. उन्होंने मानहानि का केस करने की बात कही है.दरअसस, वर्तमान में उत्तराखंड का बजट सत्र चल रहा है. मंगलवार 18 फरवरी को सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई थी. संसदीय कार्यमंत्री ने विधायक पर सदन में शराब पीकर आने का आरोप लगाया था.कांग्रेस विधायक का दावा-करूंगा मानहानि का दावा:संसदीय कार्यमंत्री द्वारा लगाए गए इन संगीन आरोपों को लेकर कल कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट को संज्ञान नहीं था, लेकिन आज जब उन्हें इस विषय में जानकारी हुई तो उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह बेहद गलत हैं. उन्होंने कहा कि उनके साथ संसदीय कार्यमंत्री द्वारा बेहद अभद्र व्यवहार किया गया और ऐसे दुत्कारा गया जैसे उनकी कोई इज्जत ना हो. मदन बिष्ट ने कहा कि वह भी एक विधायक जनप्रतिनिधि हैं. मंत्री भी विधायक से ही बन कर जाते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस पर मंत्री के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे और सदन में भी इस विषय को उठाएंगे.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण:वहीं, दूसरी तरफ कल मुख्यमंत्री ने भी इस पर अपनी टिप्पणी की थी कि सदन में अभद्रता करना हमारी कार्यसंस्कृति का हिस्सा नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भी इस विषय पर काफी गुस्से में नजर आई थीं.उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस तरह का आचरण बिल्कुल ठीक नहीं है. सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के किसी को भी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सदन में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने से उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भी दुख हुआ है और इसको गंभीरता से लिया जाएगा.
