
कोटद्वार – फैक्ट 24 न्यूज़: उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्यायालय ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीनों दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर जुर्माना लगाते हुए पीड़ित परिवार को ₹4 लाख मुआवज़ा देने का आदेश भी दिया है।
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, जो एक पूर्व भाजपा नेता का बेटा और रिसॉर्ट का मालिक था, के साथ-साथ सहआरोपी सौरभ और अंकित गुप्ता को भी हत्या, सबूत मिटाने और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में दोषी करार दिया गया।
सितंबर 2022 में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो ऋषिकेश के पास एक निजी रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं, रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थीं। जांच में सामने आया कि अंकिता पर अवैध गतिविधियों के लिए दबाव डाला जा रहा था और इंकार करने पर उसे नहर में धक्का देकर हत्या कर दी गई।
यह मामला जब सामने आया, तो पूरे राज्य में जनता का भारी आक्रोश देखने को मिला। प्रदर्शन और जनदबाव के चलते प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में भेजा गया।
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया: “मिला आंशिक न्याय” –
अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अंकिता के पिता ने कहा, “हम अदालत के इस फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन जब तक दोषियों को फांसी नहीं दी जाती, तब तक हमें पूर्ण न्याय नहीं मिलेगा। हमारी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ न हो—हम यही चाहते हैं।”
यह फैसला राज्यभर के लिए एक मजबूत संदेश है कि बेटियों के खिलाफ अपराध करने वालों को कानून से बख्शा नहीं जाएगा।सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह न्याय की दिशा में एक अहम कदम है।
