
रुद्रपुर – (फैक्ट 24 न्यूज़) – निकाय चुनाव से पहले एक बार फिर नेताओं का एक पार्टी से दूसरी में जाना स्वाभाविक है अब मीना शर्मा का भाजपा में संभावित जाना उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है। इन दिनों उनके कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने की चर्चा कई राजनीतिक चर्चाएं हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमता और जनता के बीच प्रभाव को देखते हुए भाजपा उन्हें मेयर पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है, खासकर अगर रुद्रपुर मेयर सीट महिला सामान्य श्रेणी में आती है।
संभावित राजनीतिक प्रभाव:
कांग्रेस को झटका:
मीना शर्मा का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान होगा। उनके जाने से पार्टी को न केवल संगठनात्मक कमजोरी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि कांग्रेस के लिए रुद्रपुर में चुनौती और बढ़ जाएगी।
भाजपा को फायदा:
भाजपा उनके अनुभव और लोकप्रियता का लाभ उठाकर निकाय चुनाव में मजबूत स्थिति में आ सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की “कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड” की रणनीति को यह कदम मजबूती देगा।
स्थानीय विरोध को साधने की रणनीति:
भाजपा अगर मीना शर्मा को मौका देती है, तो वह राजकुमार ठुकराल और उनके समर्थकों को किनारे कर सकती है। यह कदम भाजपा के लिए एक तीर से दो निशाने जैसा होगा।
मीना शर्मा की छवि:
उनकी सौम्य और जनता के प्रति संवेदनशील छवि उन्हें सभी वर्गों में लोकप्रिय बनाती है। भले ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया हो, लेकिन 40,000 मत प्राप्त करना उनकी लोकप्रियता का संकेत है।
चुनौतियाँ:
हालांकि, भाजपा में प्रवेश के बाद मीना शर्मा को गुटबाजी और स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर उन्हें पार्टी का समर्थन मिला तो वे इसे आसानी से पार कर सकती हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मीना शर्मा और भाजपा के बीच यह समीकरण कैसे आकार लेता है। रुद्रपुर की राजनीति में यह बदलाव आने वाले निकाय चुनाव को और रोचक बना देगा।
