रुद्रप्रयाग – केदारनाथ यात्रा में बीमारी का कहर, दो दिन में 13 घोड़ों की मौत, 24 घंटे के लिए घोड़े-खच्चरों के संचालन पर रोक

Chardham Kedarnath Yatra 2025 – फैक्ट 24 न्यूज़ : केदारनाथ यात्रा मार्ग पर इन दिनों एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस का खतरा मंडरा रहा है। बीते 48 घंटों में इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आकर 13 घोड़ों-खच्चरों की मौत हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से यात्रा मार्ग पर घोड़े और खच्चरों की आवाजाही पर 24 घंटे की रोक लगा दी है।

5,000 से अधिक पशुओं की होगी जांच- 
राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग की रेस्पॉन्स टीम को अलर्ट पर रखते हुए आसपास के ज़िलों से सभी पशु चिकित्सकों को गौरीकुंड और केदारनाथ भेजा है। अब सघन स्वास्थ्य परीक्षण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें 5,000 से अधिक घोड़े-खच्चरों की मेडिकल जांच की जाएगी। यात्रा में केवल उन्हीं पशुओं को अनुमति दी जाएगी जो पूरी तरह स्वस्थ पाए जाएंगे।

क्या है एक्वाइन इन्फ्लूएंजा?
एक्वाइन इन्फ्लूएंजा एक विषाणुजनित रोग है, जो मुख्य रूप से घोड़ों और खच्चरों में फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, लगातार खांसी, नाक से पानी बहना और कमजोरी शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी इंसानों में नहीं फैलती, लेकिन पशुओं के बीच यह तेजी से संक्रामक होती है। समय रहते इलाज न मिलने पर इससे मौत भी हो सकती है।

यात्रा प्रभावित, प्रशासन सतर्क –
प्रशासन के अनुसार, केदारनाथ यात्रा में प्रतिदिन लगभग 18,000 यात्री घोड़े-खच्चरों का उपयोग करते हैं। वर्तमान में यात्रा मार्ग पर लगभग 8 से 9 हज़ार घोड़े-खच्चर तैनात हैं। इन पर अस्थायी रोक से श्रद्धालुओं को पैदल चलने या अन्य वैकल्पिक साधनों की ओर रुख करना पड़ रहा है।

पशुपालन सचिव डॉ. पुरुषोत्तम स्वयं रुद्रप्रयाग पहुँचकर हालात की समीक्षा कर चुके हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के साथ आपात बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

श्रद्धालुओं से अपील –
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और यात्रा को सुरक्षित व सुचारू बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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