
देहरादून – फैक्ट 24 न्यूज़ : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में कुल 11 निर्णय लिए गए, जिनमें पहली योग नीति, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, उद्योगों को प्रोत्साहन और ठेकेदारी व्यवस्था में बदलाव जैसे अहम फैसले शामिल हैं।
उत्तराखंड को पहली योग नीति मिली –
राज्य को योग के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से उत्तराखंड की पहली ‘योग नीति’ को कैबिनेट की मंजूरी मिली। इसके तहत प्रदेश में पांच नए योग हब विकसित किए जाएंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों में 50% और मैदानी क्षेत्रों में 25% सब्सिडी दी जाएगी।
योग शिक्षकों को 250 रुपये प्रतिपूर्ति के रूप में दिए जाएंगे।
गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज की नई व्यवस्था –
राज्य सरकार ने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड के माध्यम से पूरी तरह कैशलेस इलाज की सुविधा देने का निर्णय लिया है।
इसके लिए सरकार 75 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराएगी ताकि अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके। नीति जल्द जारी की जाएगी।
अधिप्राप्ति नियमावली में बदलाव –
उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 में संशोधन करते हुए स्थानीय ठेकेदारों को प्रोत्साहन देने का फैसला लिया गया।
अब 10 करोड़ रुपये तक के ठेके स्थानीय ठेकेदारों को दिए जा सकेंगे (पहले यह सीमा 5 करोड़ थी)।
ई और डी श्रेणी के ठेकेदारों की सीमा भी बढ़ाई गई है।
स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक के कार्य दिए जा सकेंगे।
MSME इकाइयों को 10% वरीयता लाभ मिलेगा।
ई-टेंडरिंग को पारदर्शी बनाने के लिए EBG (इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी) व्यवस्था लागू की जाएगी।
‘उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025’ को मंजूरी –
राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई ‘उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025’ को कैबिनेट ने मंजूरी दी। यह नीति अगले पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगी।
उद्योगों को निवेश के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है:
श्रेणी | निवेश सीमा न्यूनतम | रोजगार सब्सिडी
लार्ज ₹50–200 करोड़ 50 10%
अल्ट्रा लार्ज ₹200–500 करोड़ 150 15%
मेगा ₹500–1000 करोड़ 300 –
अल्ट्रा मेगा ₹1000 करोड़ से अधिक 500+ –
अन्य अहम फैसले –
मिथाइल अल्कोहल को ‘उत्तराखंड विष कब्जा एवं विक्रय नियमावली’ में शामिल किया गया।
राजकीय लेखा संवर्ग नियमावली में संशोधन किया गया।
बाल सुरक्षा संगठन की रिपोर्ट को विधानसभा में रखने की मंजूरी दी गई।
‘उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2024’ को स्वीकृति दी गई (जहां पहले से संस्थान हैं, वहां सब्सिडी नहीं दी जाएगी)।
चाय विकास बोर्ड में 11 नए पदों के सृजन की मंजूरी मिली।
तीमारदारों के लिए राहत योजना –
देहरादून और हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के परिजनों के ठहरने और भोजन की सस्ती व्यवस्था की जाएगी। यह सुविधा एम्स ऋषिकेश मॉडल पर आधारित होगी और सरकार इसके लिए जमीन उपलब्ध कराएगी।
