
भीमताल – फैक्ट 24 न्यूज़: ओखलकांडा ब्लॉक के डूंगरी गांव की ग्राम प्रधान रहीं और वर्तमान में प्रशासक दीपा कांडपाल को भाजपा ने संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें ओखलकांडा मंडल में पार्टी का मंडल मंत्री नियुक्त किया गया है। जिससे गांव में उत्साह है। लगातार दो बार ग्राम प्रधान रह चुकीं दीपा कांडपाल ने पिछले 10 वर्षों में गांव की तस्वीर बदल दी है और साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी कायम की है।
दीपा कांडपाल ने वर्ष 2014 में पहली बार राजनीति में कदम रखा और ग्राम प्रधान का चुनाव जीता फिर 2019 में दोबारा इस पद पर चुनी गईं। ग्राम प्रधान रहते हुए उन्होंने डेरी संचालन जैसे कार्यों से न केवल अपने परिवार को बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रेरित किया। दीपा ने भाजपा नेतृत्व, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, ज़िला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट और मंडल अध्यक्ष मनोज सुयाल का आभार जताते हुए कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए सम्मान की बात है और वे संगठन के प्रति पूर्ण निष्ठा से कार्य करेंगी। दीपा कांडपाल की यह नई भूमिका न केवल डूंगरी गांव बल्कि पूरे ओखलकांडा क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
उनके पति जीवन कांडपाल ने बताया कि बीते दस वर्षों में गांव को आदर्श गांव बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए। उन्होंने बताया की सबसे पहले गांव को शौच मुक्त बनाने के लिए हर घर शौचालयों का निर्माण करवाया गया। मनरेगा योजना के तहत हर घर में पानी के टैंक बनवाए गए, गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के मकान दिलाए गए। हर घर में सोलर लाइट लगाई गई है गांव में बीएसएनएल का नेटवर्क लगवाने का प्रयास किया गया, जिससे आज पूरे इलाके में संचार व्यवस्था सुचारु है, इसके साथ गांव में गौशालाओ का निर्माण भी करवाया गया। “हर घर नल” योजना के माध्यम से गांव में पेयजल की आपूर्ति अब नियमित रूप से हो रही है।
प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का प्रतीक डूंगरी गांव –
हल्द्वानी शहर की हलचल से करीब 80 किलोमीटर दूर, कुमाऊं की सुरम्य वादियों में रीठा साहिब मार्ग पर बसा डूंगरी गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और संपूर्ण सड़क संपर्क के लिए जाना जाता है। लगभग 30 परिवारों की आबादी वाला यह छोटा-सा गांव अब धीरे-धीरे पर्यटन और ग्रामीण विकास के नक्शे पर उभर रहा है।
डूंगरी की खास बात यह है कि यह राजकोट, रानीकोट, और नंदौर सेंचुरी जैसे वन्यजीव क्षेत्रों के समीप स्थित है। यही वजह है कि यह इलाका वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति के दीवानों के लिए भी एक खास आकर्षण बनता जा रहा है। यह गांव न सिर्फ पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय प्रशासन अगर थोड़ा सा प्रयास करे तो विकास और पर्यटन का भी यह अनूठा उदाहरण बन सकता है।
