
हल्द्वानी – फैक्ट24 न्यूज़: गौलापार में वन्यजीवों के हमले होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। आज सुबह सुंदरपुर रैकवाल गांव के मानपुर में मॉर्निंग वॉक पर गए गांव के युवक पर तेंदुए ने हमला कर दिया। ग्राम प्रधान नीरज रैकवाल ने बताया कि तेंदुए के हमले में घायल युवक को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। और घटना की सूचना वन विभाग को दी गई है जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी भी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।घटना के बाद से गांव में एक बार फिर वन्य जीवों की दहशत फैल गई है।
ठंडे दिनों में तेंदुए का हमला बढ़ने की कई वजहें होती हैं आइये जानते हैं कुछ फैक्ट –
आहार की कमी-
ठंड में जंगलों में शिकार की कमी हो सकती है, जिससे तेंदुए अपने शिकार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ सकते हैं। खासकर जब जंगलों में मवेशियों और अन्य जानवरों की संख्या कम हो जाती है, तो तेंदुए इंसानों और उनके पालतू जानवरों को शिकार बना सकते हैं।
आवास का संकट –
सर्दी के मौसम में जंगलों में रहने वाले जानवरों के शिकार से तेंदुए की खाद्य श्रृंखला पर असर पड़ता है, और वे शिकार के लिए बाहर आ सकते हैं। इससे मानव बस्तियों के पास तेंदुए का आना बढ़ सकता है।
ठंड से बचाव –
तेंदुए ठंडे मौसम में खुद को गर्म रखने के लिए बस्तियों या इंसानी बस्तियों के पास आ सकते हैं, जहां उन्हें खाना और आश्रय मिल सकता है।
जंगली क्षेत्रों में घुसपैठ –
कई बार शहरीकरण और बस्तियों का विस्तार तेंदुए के प्राकृतिक आवासों में घुसपैठ करता है, जिससे वे बस्तियों की ओर बढ़ते हैं और कभी-कभी हमला कर सकते हैं।
मेटिंग (प्रजनन) का समय-
ठंड के मौसम में तेंदुए का मेटिंग और हमला दोनों ही अपने-अपने प्राकृतिक कारणों से होते हैं। तेंदुए का मेटिंग सीजन आमतौर पर सर्दियों में होता है, खासकर नवंबर से फरवरी के बीच। इस समय पुरुष और मादा तेंदुए अपने प्रजनन व्यवहार को बढ़ाते हैं। मेटिंग के दौरान, मादा तेंदुआ विशेष रूप से आकर्षित होती है, और पुरुष तेंदुआ उसकी ओर आकर्षित होता है।
इन सभी कारणों से ठंड के मौसम में तेंदुए के हमले की घटनाएं अधिक हो सकती हैं। अंततः, तेंदुए का मेटिंग और हमला दोनों ही उनके जीवन के प्राकृतिक हिस्से हैं और ये ठंड के मौसम में कुछ हद तक सामान्य होते हैं!
