
हल्द्वानी – फैक्ट 24 न्यूज़: उत्तराखंड में एक के बाद एक सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कौन सा विभाग इससे अछूता है। ताजा मामला कुमाऊँ के बागेश्वर जिले से सामने आया है, जहां जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डॉ. सुबोध शुक्ला को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, यह रिश्वत पूर्व से कार्यरत कर्मचारी कैलाश पंत के अनुबंध को बढ़ाने के एवज में मांगी गई थी। अधिकारी के व्यवहार से परेशान होकर पीड़ित ने विजिलेंस विभाग में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और जैसे ही कर्नल शुक्ला ने रकम ली, टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया।
सैनिक कल्याण जैसे संवेदनशील और सम्माननीय विभाग में इस प्रकार का भ्रष्टाचार सामने आने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारी ही रिश्वतखोरी में लिप्त हैं, तो बाकी विभागों का क्या हाल होगा?
इस कार्रवाई से एक बार फिर विजिलेंस की सक्रियता पर मुहर लगी है, लेकिन साथ ही प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार की जड़ें भी उजागर हो गई हैं।
