उत्तराखंड में पांच भाइयों ने एक ही मंडप में की शादी, पांच दुल्हनें आईं घर, अनोखी शादी बनी मिसाल

विकासनगर (उत्तराखंड): विवाह समारोह में आवश्यकता से अधिक फिजूलखर्ची देखने को मिलती रहती है. लेकिन जौनसार बावर क्षेत्र से एक नजीर पेश करने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां एक ही परिवार में पांच युवकों का विवाह एक साथ हुआ. इस विवाह में दुल्हन अलग-अलग परिवार से थी. जब एक साथ पांच दुल्हनें घर आई तो लोग देखते ही रह गए. वहीं विवाह कार्यक्रम क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

 

विवाह में फिजूलखर्ची देखने को नहीं मिली: विकासनगर-जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में आज भी संयुक्त परिवार की परंपरा और पुराने रीति रिवाज कायम है. इसमें खास तौर से वैवाहिक रीति रिवाज शामिल है. पंजिया गांव के एक ही परिवार में पांच युवकों का विवाह एक साथ हुआ. जब एक साथ पांच दुल्हनें घर आई तो लोग देखते ही रह गए. जौनसार बावर के पंजिया गांव दो भाईयों के पांच पुत्रों की शादी जौनसारी रिति-रीवाज से हुई. शादी के बाद गांव के लोक परंपरा का निर्वहन करते हुए रहिणी भोज का आयोजन किया गया. जिसमें गांव की बहू-बेटियों को भोज कराया जाता है.

 

शादी में लोक परंपरा का निर्वहन: इस शादी में दूल्हे एक ही परिवार के थे और दुल्हनें अलग-अलग परिवारों की थी. कालसी तहसील के पंजिया गांव निवासी कलम सिंह पांच भाईयों में सबसे बड़े हैं. उसके पुत्रों गंभीर की शादी शीतल, गजेंद्र की शादी इशिका और गोविंद की शादी निशा के साथ हुई. वहीं छोटे भाई देशराज के पुत्र राहुल की शादी रूही और मुकुल की शादी शीतल से हुई.

 

रहिणी भोज का किया आयोजन: पंजिया गांव निवासी कलम सिंह एक किसान हैं. उनके तीनों बेटे प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं. दूसरे भाई के दोनों बेटे सेना में है. जौनसार बावर में ज्येष्ठ पुत्र के विवाह समारोह को लोक परंपरा के हिसाब से बारिया का जजोडा (शादी) करते हैं. इसमें घर परिवार गांव की बहू बेटियों के सम्मान में रहिणी भोज का आयोजन किया जाता है और मेहमानों को भी न्योता दिया जाता है.

 

परिवार से रहे हैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी: अपने अनोखे रीति रिवाजों अनूठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध जौनसार बावर क्षेत्र में इन दिनों एक परिवार के पांच बेटों की शादी एक साथ होने से चर्चा में बना हुआ है. पंजिया गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर पूनकु के पौत्र एक ही दिन में पांच दुल्हनों को घर लाए. इससे परिवार ने शादी समारोह में किए जाने वाली फिजूलखर्ची को भी कम करने का संदेश दिया.

 

उनका मूल गांव जौनसार के पंजिया में है. जैसे-जैसे परिवार बढ़ा, सभी अपने-अपने काम धंधे में इधर-उधर रहने लगे. उन्होंने बताया कि उनके तीन और भाई देशराज के दो बेटे हैं. परिजनों के कहने पर पांचों की शादी एक ही दिन करने का निर्णय लिया गया. इसका मकसद लंबे समय से दूर रह रहे परिजनों को एक साथ लाने का था. बताया कि सभी की शादी विकासनगर के एक वेडिंग पॉइंट में धूमधाम से हुई. एक साथ शादी करने से उनके लाखों रुपए बच गए और इससे समाज में फिजूलखर्ची व एकता की मिसाल का संदेश गया. कलम सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर पूनकु के पौत्र

सम्बंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *