नहीं रहे उत्तराखंड के हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के लिए बड़ी क्षति

उत्तराखंड – फैक्ट 24 न्यूज़ : प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है। उनका जन्म 1953 में गढ़वाल मंडल में हुआ था और उन्होंने 1970 से हास्य कलाकार के रूप में अपना सफर शुरू किया था। घन्ना भाई ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति और हास्य जगत में अपनी अद्भुत संवाद अदायगी और व्यंग्यपूर्ण शैली के कारण खास पहचान बनाई। उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में काम किया और रेडियो, दूरदर्शन के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रहे। 2012 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि वह हार गए थे।

घन्ना भाई पिछले कुछ दिनों से देहरादून के श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती थे और वेंटिलेटर पर थे। उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन से उत्तराखंड की लोक संस्कृति और हास्य जगत में एक बड़ी क्षति हुई है। उनके प्रशंसक और साथी कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।

घनानंद ने अपने करियर में कई उल्लेखनीय काम किए। उन्होंने रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में शुरुआत की और बाद में उत्तराखंड की कई फिल्मों में अभिनय किया। उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में ‘घरजवैं’, ‘चक्रचाल’, ‘बेटी-ब्वारी’, ‘जीतू बगडवाल’, ‘सतमंगल्या’, ‘ब्वारी हो त यनि’, ‘घन्ना भाई एमबीबीएस’, ‘घन्ना गिरगिट’ और ‘यमराज’ शामिल हैं।

1974 में उन्होंने रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर भी कई कार्यक्रम किए। राजनीति में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और 2012 में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ा, हालांकि वह हार गए। इसके बाद वह भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में काम करते रहे। घन्ना भाई के निधन से उत्तराखंड की कला और संस्कृति जगत में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनकी विरासत और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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