
हरिद्वार- फैक्ट 24 न्यूज़: उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार जिले में हुए चर्चित जमीन घोटाले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। हरिद्वार जिले में 15 करोड़ की कृषि भूमि को 54 करोड़ में खरीदने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाया है.घोटाले की जांच पूरी होने के बाद डीएम कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू कर दी है.
इन तीनों अफ़सरों समेत कुल 12 अधिकारी कर्मचारी सस्पेंड किए गए हैं. इन अधिकारियों पर जमीन खरीद प्रक्रिया में अनियमितता बरतने और नियमों की अनदेखी के आरोप हैं।
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने नगर निगम के प्रशासक होने पर नियमों के अनुसार प्रक्रिया का पालन नहीं किया और निगम के हितों को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुमति भी दे दी है निलंबन की अवधि में कर्मेंद्र सिंह को सचिव, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग से संबद्ध किया गया है।
इससे पहले 1 मई को नगर निगम की आंतरिक जांच में चार अन्य अधिकारियों को निलंबित किया गया था। इनमें अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट, सहायक अभियंता आनंद सिंह मिश्रवान और अधिशासी अधिकारी रविंद्र कुमार दयाल शामिल हैं।
मामला हरिद्वार जनपद के ग्राम सराय में नगर निगम द्वारा खरीदी गई 2.3070 हेक्टेयर जमीन से जुड़ा है। आरोप है कि आचार संहिता के दौरान कृषि भूमि को अनुचित तरीके से उच्च कीमत पर खरीदा गया, जिसकी बाजार दर कहीं कम थी।
सरकार ने मामले की जांच के लिए IAS रणवीर सिंह चौहान को नियुक्त किया था, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही की पुष्टि की है। मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा की जा रही है।
