
ऋषिकेश: मंत्री पद से प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में सियासी पारा हाई हो गया है. प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद जहां एक ओर ऋषिकेश में आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया. इस दौरान बोल पहाड़ी हल्ला बोल के नारे हवा में गूंजे. वहीं दूसरी ओर इस इस्तीफे के साथ देहरादून में मैदानी एकता जिंदाबाद के नारे भी बुलंद किए गए.
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे ने उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा दी : है। उनके इस्तीफे के बाद ऋषिकेश में समर्थकों ने जश्न मनाया और खुशी के मारे आतिशबाजी की। इसके साथ ही पहाड़ी समाज के लोगों ने ‘बोल पहाड़ी हल्ला बोल’ के नारे लगाए, जो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अपनी पहचान को लेकर किए गए एक गहरे आक्रोश और एकजुटता का प्रतीक थे।
वहीं, देहरादून में मैदानी समाज के लोग एकजुट हुए और ‘मैदानी एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए, जो यह दर्शाते हैं कि इस राजनीति ने केवल एक पक्ष को प्रभावित नहीं किया, बल्कि यह राज्य की दोनों प्रमुख जाति और क्षेत्रीय समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा को भी हवा दी है। प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है, और उत्तराखंड की राजनीति में आने वाले दिनों में बड़े बदलाव की संभावना को जन्म दे सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह इस्तीफा भाजपा के भीतर गहरे मतभेदों और क्षेत्रीय असंतोष को उजागर करता है, और यह राज्य की सत्ता में पुनः संतुलन बनाने की आवश्यकता को इंगीत करता है।
