
अयोध्या ;आचार्य सत्येंद्र दास का जीवन भारतीय सनातन धर्म के प्रति उनके समर्पण का उदाहरण थे। वे राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में अयोध्या में एक महत्वपूर्ण धार्मिक शख्सियत के रूप में पहचाने जाते थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और मंदिर के निर्माण से जुड़ी धार्मिक गतिविधियों को मार्गदर्शन दिया।
3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद जब उन्हें लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया, तो उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाएं की जा रही थीं, लेकिन वे इस गंभीर स्थिति से उबर नहीं सके। उनका निधन न केवल राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि उनकी शिक्षाओं और उनके द्वारा किए गए धार्मिक कार्यों के लिए एक गहरी कमी छोड़ गया है।
अयोध्या में उनके निधन के बाद शोक का माहौल है, और मठ-मंदिरों में विशेष पूजा और श्रद्धांजलि आयोजनों की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उनकी धार्मिक सेवा, राम मंदिर आंदोलन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, और अयोध्या में उनके प्रभाव को हमेशा याद किया जाएगा।
